क्रिया–कलाप
1. अनुदेशात्मक सामग्री का विकास
2. IMPs के विकास हेतु प्रशिक्षण
3. प्रश्न-बैंक का विकास
4. IMPs का हिन्दी तथा अन्य प्रादेशिक भाषाओं में अनुवाद
5. अनुदेशकों के लिए जागरुकता प्रशिक्षण
6. ऑनलाईन शिक्षण-IMP का डिजिटल रूपांतरण और IMP के लिए शिक्षण मोड्यूल तैयार करना
7. विडियो अनुदेशात्मक कार्यक्रम का विकास
8. अन्तिम (Terminal) दक्षता का विकास
9. मिडिया विकास प्रशिक्षण
10. उत्पादों का मुद्रण, प्रकाशन तथा विपणन
11. उपग्रह आधारित दूरस्थ शिक्षण कार्यक्रम
  अनुदेशात्मक सामग्री

निमि (NIMI) अनुदेशात्मक सामग्री के विकास हेतु एक समन्वयात्मक अभिगम अपनाता है तथा प्रशिक्षकों, प्रशिक्षुओं एवं प्रबन्धन की आवश्यकताओं की आपूर्ति करता है । इस अभिगम में अन्तर्सम्बन्धित पाँच खण्ड हैं :

1. व्यवसाय अभ्यास पुस्तक
2. व्यवसाय सिद्धान्त पुस्तक
3. प्रदत्तकार्य/पुस्तक पुस्तक
4. अनुदेशक-मार्गदर्शिका पुस्तक
5. वॉल चाटर्स और पारदर्शिकाएँ शिक्षण साधन
व्यवसाय अभ्यास

व्यावसायिक प्रशिक्षण में प्रमुखत: इस बात का आग्रह रहता है कि जिस कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसके माध्यम से प्रशिक्षु कार्य विशेष को करने में दक्षता प्राप्त करे । अनुदेशात्मक सामग्री का आरंभ दिए जानेवाले कौशल की सही पहचान कराने से होता है और उसके पश्चात् उसके अनुरूप आवश्यक पाठ की संरचना की जाती है जिससे वह कौशल सही रूप से प्रशिक्षु सीख सके । अभ्यास-पुस्तक उन सारे पाठों का संकलन है जो वर्ष के अन्त में NCVT के पाठ्यक्रम अनुसार वांच्छनीय दक्षता प्रदान करता है । अभ्यास पुस्तक अनेक आरेखों वाली होती है और उसमें 1500 से अधिक चित्र प्रति शीर्षक के साथ दिए जाते हैं । अभ्यास पुस्तक अनुदेशक के लिए एक आवश्यक साधन है जिसके आधार पर वह अपने प्रदर्शन की योजना बनाता है और प्रबन्धन के लिए यह एक प्रभावशाली साधन है जिसके द्वारा वह अपनी पहुँच की खबर रख सकता है ।

व्यवसाय सिद्धान्त

Tव्यवसाय सिद्धान्त उन शीर्षक वाले पाठों का संकलन होता है जिसमें आवश्यक ज्ञान संचित रहता है और जिसके द्वारा वांच्छित दक्षता प्राप्त की जा सकती है । चूँकि कौशल का विकास सरलता से जटिलता की ओर अग्रसर होता है, एक शीर्षक विशेष को संपूर्ण पुस्तक में विभाजित किया जाता है और उदाहरण दिए जाते हैं । औसतन एक शीर्षक विशेष के अन्तर्गत कम से कम 1200 चित्र उपलब्ध कराये जाते हैं । सिद्धान्त पुस्तक का अनुदेशक तथा प्रशिक्षु दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है । प्रदत्त कार्य/परीक्षण पुस्तक : प्रदत्त कार्य/परीक्षण पुस्तक निरन्तर मूल्यांकन की दिशा में अनुदेशक की सहायता करती है, जिससे प्रशिक्षण के प्रत्येक स्तर पर स्थिर उन्नति सुनिश्चित होती है ।

अनुदेशक मार्गनिर्देशिका

अनुदेशक मार्गनिर्देशिका का विषय
1. इसमें प्रदत्त कार्य/परीक्षण पुस्तक में दिए प्रश्नों के संकेत/उत्तर होते हैं । अत: यह प्रदत्त कार्य/परीक्षण के मूल्यांकन में अनुदेश की सहायक होती है । किताब
2. संसाधन योजना शीट : यह अनुदेशक को योजना बनाने और कार्य के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री, अभ्यास विशेष के लिए हस्त साधन और वर्ग में शिक्षण साधन उपलब्ध कराने में सहायक होती है । किताब
3. सामग्री का समेकित बिल : यह अनुदेशक और प्रबन्धन को अपने कच्चे माल की खरीदी में सहायक होता है । किताब
4. अनुदेश की कार्य-सूची : यह अनुदेशक को अपना पाठ्यक्रम सुनियोजित पद्धति से समय पर पूरा करने में सहायक होती है । किताब
वॉल चाटर्स और पारदर्शिकाएँ (ट्रान्सपरेन्जिस)

वॉल चाटर्स और पारदर्शिकाएँ चयनित शीर्षकों के लिए दो रंगों में (साधारणत:) तैयार की जाती हैं जिससे अनुदेशक अपनी प्रस्तुति प्रभावी ढंग से कर सके । वॉल चाटर्स और पारदर्शिकाएँ इस प्रकार तैयार की जाती है कि उनके शीर्षक प्रदर्शित न हों । अनुदेशक को अस्थायी स्याही से भागों (शीर्षकों) के नाम लिख कर समझाना होता है । अस्थायी स्याही से लिखा हुआ मिटाकर उसी चार्ट का प्रयोग अनुदेशक अर्जित ज्ञान से सम्बन्धित प्रश्न पूछने में कर सकता है । इस प्रकार ये ऐसे तैयार की जाती हैं कि सम्वादात्मक अध्ययन-अध्यापन की स्थिति बने ।

अनुदेशात्मक सामग्री के विकास की विभिन्न अवस्थाएँ



कार्य का सुस्पष्ट विवरण प्रशिक्षु के समक्ष एक निश्चित ध्येय रखता है । प्रशिक्षुओं को पता रहेगा कि वे किस ओर जा रहे हैं और उनको क्या प्राप्त करना है । अत: कार्रवाई क्रियाओं के एक समूह का प्रयोग अनुदेशात्मक सामग्री में किया जाता है । कार्रवाई क्रियाओं के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं :

अभ्यास में कार्रवाई क्रियाएँ पाठ में कार्रवाई क्रियाएँ कार्रवाई क्रियाएँ जिनसे बचना है
अभ्यास करें परिभाषित करें सीखें
परीक्षण करें बताएँ जानें
नापें व्यक्त करें समझें
जाँचे स्पष्ट करें अध्ययन करें
करें वर्णन करें सूनें
पहिचानें गणना करें सोचें
तैयार करें विवरण दें परिचित हों
ज्ञात करें उदाहरण दें सुनिश्चित करें आदि
बनायें अन्तर करें
विकसित करें विभेद करें
बनायें तुलना करें
ड्रिल करें ज्ञात करें
काटें
जाँचें
परीक्षण करें
चलायें
जोड़ें
चित्र बनायें
वायर से जोड़ें
बिठायें
समायोजित करें
तैयार करें
संरचना करें
आरंभ करें
चलायें
पीछे करें
चयन करें
दर्ज करें
डिजाइन बनायें
उपयोग करें
मरम्मत करें
अलग करें
मिलायें
जोड़ें
अलग करें
संयोजन करें
एकत्रित करें
सर्विस करें
ऑवर हॉल करें
ले आउट बनाएँ
ग्राफ बनाएँ आदि
प्रश्न बैंक

प्रशिक्षण में मूल्यांकन, विशेषकर निरन्तर रूप से किया जानेवाला मूल्यांकन सतत् उन्नति के लिए आवश्यक है । निमि (NIMI) में विकसित किये गये प्रश्न बैंक के तीन स्तर होते हैं जो स्तर I, II और III कहलाते हैं।


स्तर I के प्रश्न वस्तु निष्ठ ज्ञान पर आधारित होते हैं ।
उदा.: भागों के नाम पहचानना, नाम, परिभाषाएँ, चिह्न, इकाइयाँ, विशिष्टकरण, स्मरण, सामग्रियाँ, सुरक्षा, सूत्र, संरचना, पदार्थ, नियम और प्रकार्यों आदि पर आधारित प्रश्न ।


स्तर II सिध्दान्त और स्थानांतरित ज्ञान
उदा.: तुलना, अन्तर, सिद्धान्त, लाभ, हानि, विधि, प्रकार्य, गणना, सम्बन्ध, कारण और प्रभाव, प्रचालन, चुनाव, उपयोग, प्रयोजन, कारण, फायदा, प्रचालन की आवश्यकता, श्रृँखला, गुण, तैयारी, विशेषता, विकास, मान, क्षति और प्रक्रिया पर आधारित प्रश्न ।


स्तर III समस्या को हल करने सम्बन्धी प्रश्न
उदा.: समस्या, दोष. समाधान, निवारण, आकलन, मूल्यांकन, असफलता, सुधार, विश्लेषण, कारण और परिणा, मरम्मत, दोष, समायोजन, रोकथाम और प्रभाव पर आधारित प्रश्न ।


निम्नलिखित व्यवसायों हेतु प्रश्न बैंकों का विकास किया गया है :

  फिटर । टर्नर । मशीनिस्ट । वेल्डर । मैकेनिक डिज़ल

IMPs का अनुवाद

अनुदेशकों के लिए जागरुकता प्रशिक्षण

देश के विविध संस्थानों से आनवाले अनुदेशकों को समय-समय पर निमि (NIMI) के IMPs का प्रयोग करते हुए प्रशिक्षण देने की विधि का प्रशिक्षण दिया जाता है ।

ऑनलाइन अध्ययन – IMP का डिजिटल रूपान्तरण और e - अध्ययन के लिए IMP के मॉड्यूल

मिश्र अध्ययन सामग्री को सरल बनाने के लिए अनुदेशात्मक सामग्रियों को डिजिटल रूप देना जिससे नेवीगेशन अवयव और आन्तरिक खोज समझ में आये ।

2D और 3D एनिमेशन, विडियो, 2D और 3D इल्यूस्ट्रेशन वाली e-अध्ययन सामग्री का विकास करना जो निमि (NIMI) वेब पोर्टल उपलब्ध हो और प्रौद्योगिकी युक्त अध्ययन प्रणाली अपनायी जा सके ।
विडियो अनुदेशात्मक कार्यक्रम का विकास


अन्तिम दक्षता का विकास

मिडिया विकास प्रशिक्षण

विभिन्न व्यवसायों की अनुदेशात्मक सामग्रियों के विकास हेतु विभिन्न उद्योगों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों तथा DGE&T के अधीन आनेवाले संस्थानों एवं अन्य संगठनों के क्षेत्र के विशेषज्ञों को इस प्रकार प्रशिक्षण दिया जाता है कि दस्तकार/प्रशिक्षु प्रशिक्षण की निश्चित अवधि में विषय को प्रभावी ढंग से ग्रहण कर सके । वे सब माध्यम विकास समिति के सदस्य के रूप में कार्य करते हैं और IMPs का विकास करते हैं ।